Day 7
Are you an old student of Vipassana?
कार्यावली
सातवे दिन विपश्यना जारी रखते हुए, हम पूरे शरीर में सर से पाँव तक, फिर पाँव से लेकर सर तक यात्रा करते हैं और स्वाभाविक संवेदनाओं को जानने का काम करते है।
छटवे दिन से थोड़ा अलग, सातवे दिन हम क्रम में थोड़ा बदलाव(ब्यौरा अनुदेश में) लाते हुए यात्रा करते रहेंगे, और अपनी संवेदनाओ के प्रति समता व दृष्टा-भाव बनाएं रखेंगे।
सातवे दिन भी अधिष्ठान का पालन करते हुए दिन के सारे एक-घंटे वाले ध्यानों में बिना हाँथ-पैर खोले दृढ संकल्प के साथ बैठें और एक ही मुद्रा में ध्यान करें।
अनुदेश
- इसके अनुदेश ठीक छटवे दिन की तरह ही है, पर यात्रा के दौरान क्रम में थोड़ा बदलाव है
- नीचे की दिशा में यात्रा के दौरान- सर से सिरे से शुरू करें फिर चेहरे की ओर जाएं, फिर एक साथ गले और गर्दन से गुज़रते हुए, एक साथ दोनों कंधों, फिर दोनों हाँथ, छाती व पीठ को मिलाते हुए एक साथ मन को गुज़ारते हुए अपने दोनों हांथों की उँगलियों तक जाएं, फिर निचले हिस्से को सम्मलित करते हुए फिर एक साथ दोनों जाँघों से दोनों गुठनों की ओर से दोनों पैरों की उँगलियों तक जाएं
- ऊपर की दिशा में यात्रा के दौरान- एक साथ दोनों पैरों की उँगलियों से दोनों गुठनों की ओर से दोनों जाँघों तक, फिर निचले हिस्से को सम्मलित करते हुए फिर अपने दोनों हांथों की उँगलियों से ऊपर की ओर दोनों हाँथ, छाती व पीठ को मिलाते हुए एक साथ मन को गुज़ारते हुए, फिर एक साथ दोनों कंधों, फिर एक साथ गले और गर्दन से गुज़रते हुए, फिर चेहरे से सर की ओरे जाते हुए सर के सिरे तक
- इस यात्रा के दौरान जैसे ही किसी अंग में संवेदना महसूस हुई आगे(अगले अंग में) बढ़ गए और जहाँ नहीं महसूस हुई मूर्छा मालूम हुई वहां 1 मिनट रुक कर संवेदनाओ को जानने का प्रयास करेंगे अगर फिर भी कोई संवेदना न मालूम हुई तो उस स्थान पर पहने हुए कपड़े का स्पर्श या हवा का स्पर्श हुआ ऐसा जानकर आगे बढ़ जायेंगे
- यात्रा के दौरान चाहे सुखद संवेदना मालूम होती हो या दुखद संवेदना हम उसके प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं करेंगे, क्यूंकि ये सारी संवेदनाएं अनित्य हैं इसलिए सुखद संवेदना के प्रति न राग जगायेंगे और न दुखद संवेदना के प्रति द्वेष। संवेदनाओ को घटना घटित हो रही है ऐसा मात्र जानते हुए उसके प्रति समता व दृष्टा-भाव बनाएं रखेंगे.
- पूरा दिन बड़े धीरज के साथ बारीकी से जानकारी बनाये रहेंगे, और स्थूल से सूक्ष्म और सूक्ष्म से सूक्ष्मतम की ओरे जाते जायेंगे
प्रवचन
प्रवचनॉंश
- जल्द ही उपलब्ध किया जायेगा
शब्दावली
संवेदना | सनसनी, संवेदन, महसूस |
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