Day 10
Are you an old student of Vipassana?
कार्यावली
दसवे दिन हमें मंगल-मैत्री(मेत्ता भावना) सिखाया व उसका अभ्यास कराया जाता है।
नवमे दिन हमें पूर्ण रूप से विपश्यना विधि सीखा दी जाती है, विपश्यना के बाद 10-15 मिनट मंगल मैत्री का अभ्यास करना होता है।
दसवे दिन सुबह मंगल-मैत्री सिखाने के तुरंत बाद आर्य-मौन समाप्त हो जाता है और शाम से पहले आपको आपका जमा मोबाइल फोन व कीमती सामान वापस कर दिया जाता है, और आपसे अनुरोध किया जाता है की ध्यान कक्ष और पैगोडा में आर्य-मौन बनायें रखे व मोबाइल फोन इस्तेमाल न करें।
मंगल मैत्री का अभ्यास
मेरे अर्जित पुण्य में भाग सभी का होये.. इस मंगलमय धर्म का लाभ सभी को होये..
मेरे सुख में शांति में भाग सभी का होये.. इस मंगलमय धर्म का लाभ सभी को होये..
सबका मंगल होये.. सबका मंगल होये.. सबका मंगल होये..
सबका मंगल.. सबका मंगल.. सबका मंगल होये रे..
तेरा मंगल.. तेरा मंगल.. तेरा मंगल होये रे..
साधक तेरा मंगल होये.. दूर अमंगल होये रे..
शुद्ध धर्म सबके मन जागे.. शुद्ध धर्म सबके मैं जागे.. मुक्ति दुखों से होये रे..
सबका मंगल.. सबका मंगल.. सबका मंगल होये रे..
बेटी तेरा मंगल होये, बेटी तेरा मंगल होये.. दूर अमंगल होये रे..
शुद्ध धर्म सबके मन जागे.. शुद्ध धर्म सबके मन जागे.. मुक्ति दुखों से होये रे..
सबका मंगल.. सबका मंगल.. सबका मंगल होये रे..
धम्म सेतु पर शुद्ध धर्म की ज्योति-प्रकाशित होये रे..
इस प्रदेश के सारे प्राणी.. मंगल लाभी होये रे..
धम्म सेतु पर शुद्ध धर्म की अमृत-वर्षा होये रे..
सारे देश के सारे प्राणी.. मंगल लाभी होये रे...
धम्म सेतु से शुद्ध धर्म की गंग-प्रवाहित होये रे..
सकल देश के सारे प्राणी.. मंगल लाभी होये रे...
सबका मंगल.. सबका मंगल.. सबका मंगल होये रे..
जन जन मंगल जन जन मंगल..
जन जन सुखिया होये रे... जन जन सुखिया होये रे... जन जन सुखिया होये रे...
भवतु सबब मंगलम..
भवतु सबब मंगलम..
भवतु सबब मंगलम..
प्रवचन
प्रवचनॉंश
- जल्द ही उपलब्ध किया जायेगा
शब्दावली
संवेदना | सनसनी, संवेदन, महसूस |
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