Day 4
Are you an old student of Vipassana?
कार्यावली
चौथा दिन आधे-आधे भागों में बाँटा गया है.
दिन के पहले भाग में हम तीसरे दिन के काम को जारी रखते है. तीसरे दिन हम जो नाक और होंठ के ऊपर वाले स्थान पर संवेदनाओं का जानने का काम था उसका क्षेत्र और छोटा करके केवल नाक के नीचे और होंठ के ऊपर(मूंछो) वाले स्थान पर संवेदनाओ की जानकारी रखेंगे इसके अनुदेश तीसरे दिन के ही होंगे।
दिन के दुसरे भाग से हमे विपश्यना सिखाई जाती है. अब हम पूरे शरीर में संवेदनाओं को जानने का काम करते है. सर से लेकर पाँव तक हम बार बार यात्रा करते हैं और अंग-प्रत्यंग में हो रही संवेदनाओं को जानने का काम करते हैं.
सर से पाँव तक, सर से पाँव तक की यात्रा एक क्रम से करें, क्रम से करेंगे तो कोई अंग छूटेगा नहीं।
इस सत्य को न भूलें कि जहाँ जीवन है वहाँ संवेदना है ही, इसप्रकार कुछ भी मूर्छित नहीं है.
अभी सर से पाँव तक की यात्रा कम से कम 10 मिनट की तो होनी ही चाहिए, शुरुआत में जल्दी करेंगे तो कोई न कोई अंग छूट जायेगा।
2 से 4 अंगुल जितनी जगह में संवेदनाओ को देखते हुए सर से लेकर पाँव तक की यात्रा करते रहें
संवेदनाएं अभी केवल ऊपरी त्वचा में ही जानें। इन संवेदनाओं को अनुभूतियों पर उतारना है, अनुभूतियों के स्तर पर जानना है.
अब हमें भोगता-भाव के स्वभाव को हटाना है, और केवल तटस्थ/दृष्टा भाव से इन संवेदनाओं की जानकारी रखनी है.
अनुदेश
- एकाग्र मन से शरीर में हो रही संवेदनाओ को सर से लेकर पाँव तक दृष्टा भाव से जानेंगे
- 2 से 4 अंगुल जितनी जगह में संवेदनाओ को देखते हुए सर से लेकर पाँव तक की यात्रा करते रहें
- सर से सिरे से शुरू करें फिर चेहरे की ओर जाएं, फिर दाएं कन्धा से दाएं हाँथ की उँगलियों तक जाएं फिर बाएं कन्धा से बाएं हाँथ की उँगलियों तक जाएं फिर गले से छाती से पेट तक फिर गर्दन से पीठ से कमर तक फिर निचले हिस्से को सम्मलित करते हुए फिर दायीं जांघ से दाएं पैर की उँगलियों तक फिर बायीं जांघ से बाएं पैर की उँगलियों तक
- सर से पाँव तक की यात्रा एक क्रम से करें, क्रम से करेंगे तो कोई अंग छूटेगा नहीं
- स्थूल संवेदना या कहीं पर बहुत तेज संवेदना मालूम पड़ रही है तो उस पर छलांग न लगाएं जब तक उसकी बारी न आजाये, क्रम न तोड़ें.
- इस यात्रा के दौरान जैसे ही किसी अंग में संवेदना महसूस हुई आगे(अगले अंग में) बढ़ गए और जहाँ नहीं महसूस हुई मूर्छा मालूम हुई वहां 1 मिनट रुक कर संवेदनाओ को जानने का प्रयास करेंगे अगर फिर भी कोई संवेदना न मालूम हुई तो उस स्थान पर पहने हुए कपड़े का स्पर्श या हवा का स्पर्श हुआ ऐसा जानकर आगे बढ़ जायेंगे
- पूरा दिन बड़े धीरज के साथ बारीकी से जानकारी बनाये रहेंगे, और स्थूल से सूक्ष्म और सूक्ष्म से सूक्ष्मतम की ओरे जाते जायेंगे
प्रवचन
प्रवचनॉंश
- जल्द ही उपलब्ध किया जायेगा
शब्दावली
संवेदना | सनसनी, संवेदन, महसूस |
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