Day 9
Are you an old student of Vipassana?
कार्यावली
नवमे दिन विपश्यना जारी रखते हुए, हम पूरे शरीर के ऊपरी त्वचा के साथ-साथ शरीर के अंदर हो रही स्वाभाविक संवेदनाओं को जानने का काम करते है।
नवमे दिन शरीर को छह: अलग कोणों से भेदते हुए अपने मन को शरीर के अंदर से गुज़ारते हैं(ब्यौरा अनुदेश में), नवमे दिन की विधि में आठवे दिन की यात्रा भी शामिल है।
नवमे दिन भी अधिष्ठान का पालन करते हुए दिन के सारे एक-घंटे वाले ध्यानों में बिना हाँथ-पैर खोले दृढ संकल्प के साथ बैठें और एक ही मुद्रा में ध्यान करें।
अनुदेश
- अपने मन को क्रमशः इन छह कोणों से शरीर के अंदर से तीर के समान भेदते हुए गुजारें:
- नीचे की दिशा में यात्रा के दौरान.. सर से सिरे से शुरू करें फिर नीचे की ओर जाते जाते अनेक अंगो को एक-साथ सम्मलित करते हुए निचले(ज़मीन को छूते हुए) अंगो तक जाएँ
- ऊपर की दिशा में यात्रा के दौरान.. निचले(ज़मीन को छूते हुए) अंगो से शुरू करते हुए ऊपर की ओर जाते जाते अनेक अंगो को एक-साथ सम्मलित करते हुए सर से सिरे तक जाएँ
- बायीं दिशा में यात्रा के दौरान.. अपने दायीं ओर खुले हुए सारे अंगो से शुरू करते हुए बीच में पड़ते हुए सारे अंगो को एक-साथ सम्मलित करते हुए बायीं ओर खुले अंगो तक जाएँ
- दायीं दिशा में यात्रा के दौरान.. अपने बायीं ओर खुले हुए सारे अंगो से शुरू करते हुए बीच में पड़ते हुए सारे अंगो को एक-साथ सम्मलित करते हुए दायीं ओर खुले अंगो तक जाएँ
- पीछे की दिशा में यात्रा के दौरान.. अपने सामने की ओर खुले हुए सारे अंगो से शुरू करते हुए बीच में पड़ते हुए सारे अंगो को एक-साथ सम्मलित करते हुए पीछे की ओर खुले अंगो तक जाएँ
- सामने की दिशा में यात्रा के दौरान.. अपने पीछे की ओर खुले हुए सारे अंगो से शुरू करते हुए बीच में पड़ते हुए सारे अंगो को एक-साथ सम्मलित करते हुए सामने की ओर खुले अंगो तक जाएँ
- इस यात्रा को लगातार हर दो बार करने के बाद हम आठवे दिन की यात्रा को एक बार करेंगे
- यात्रा के दौरान चाहे सुखद संवेदना मालूम होती हो या दुखद संवेदना हम उसके प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं करेंगे, क्यूंकि ये सारी संवेदनाएं अनित्य हैं इसलिए सुखद संवेदना के प्रति न राग जगायेंगे और न दुखद संवेदना के प्रति द्वेष। संवेदनाओ को घटना घटित हो रही है ऐसा मात्र जानते हुए उसके प्रति समता व दृष्टा-भाव बनाएं रखेंगे
- पूरा दिन बड़े धीरज के साथ बारीकी से जानकारी बनाये रहेंगे, और स्थूल से सूक्ष्म और सूक्ष्म से सूक्ष्मतम की ओरे जाते जायेंगे
प्रवचन
प्रवचनॉंश
- जल्द ही उपलब्ध किया जायेगा
शब्दावली
संवेदना | सनसनी, संवेदन, महसूस |
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